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नयी सुबह.........

नई सुबह , नया सूरज , नया समंदर ,नया आसमान ; ये सदियों पुराने है ,पर फिर भी नए थे - क्योंकि इनके साए में पंख लगाए , दो नाजुक से दिल और मोहब्बत का अरमान | सागर की लहरें , हवा के थपेड़े , उड़ते हुए बादल और बारिश की बूंदे ; कदम से कदम और हाथों में हाथ , चंचल सी चितवन , मुस्कराहट के साथ | बहुत कुछ था बदला उस एक पल में , जिंदगी का आईना था उस सागर के जल में ; देखे जो ख्वाब सालो-साल , दर-बदर , थी मेरे आगोश में सिमटी वो बेखबर | लगन लगी अब जिंदगी से फिर , नजर आ गयी मंजिल ओ मुसाफिर ; तेरी साँसों की गर्मी ,मेरे कलेजे की ठंडक , तेरी हँसी की रौनक , मेरी ख़ुशी का मंजर | कुछ दूर चले थे हम ,समन्दर की गोद में , वो चंद कदम आखरी हो गये - हमसफ़र की खोज में , हमसफ़र की खोज में ............