भूले - बिसरे
चाहने से हर चीज मिलती नही,
प्यार की कली हर किसी के लिए खिलती नहीं |
सच्चा प्यार तो किस्मत से मिलता है,
पर हर एक को ऐसी किस्मत मिलती नही |
॥
चन्द रोज की बारिश ,
फिज़ा में सैलाब ले आयी !
हम रोए तमाम उम्र ,
सावन सूखा बना रहा !
॥
ए दिल बता तुझे आता क्या है ?
मेरे दिल को थोड़ा चैन आये ;
तो तेरा जाता क्या है ?
॥
कहते हैं की मोहब्बत
जिंदगी बदल देती है,
अच्छे भले इंसान को
आवारा बना दिया !
॥
तेरे वादे पे ऐतबार कर
बैरी हुए ज़माने से ,
हमें क्या ख़बर की
ये सौदा बड़ा महँगा है !
॥
दिल टूटने से यारों
दर्द बहुत होता है,
वरना दिल्लगी की
हमारी आदत पुरानी है !
॥
इक तेरे जाने से फिजा की
रौनक चली गयी,
हमें क्या ख़बर थी
तुम इतनी संगदिल हो !
॥
सालों गुजर गए
तेरा चेहरा नहीं देखा ,
पर ऐसे लगता है जैसे
कल ही की तो बात है !
॥
कहते है जिसे इश्क़
और कुछ नहीं ,
बस एक जरिया था
हमारी बर्बादी का !
॥
तुझसे मोहब्बत करना
थी हमारी खुशनसीबी ,
करके बेवफ़ाई तुमने
नसीब से ख़ुशी छीन ली !
॥
अगर ये रात न होती ,
बेहिसाब तारों की बरात न होती ,
जमाना – ए -आदम से मोहब्बत कायम है
मगर फिर भी ये दुनिया यूँ आबाद न होती ||
||
यूँ ख्वाबों में आकर मुझे सताया न करो ,
बार-बार याद आकर रुलाया ना
करो ,
या तो मेरे हो जाओ क़यामत तक -
वरना चाहत की तपिश से अपनी मुझे जलाया न करो ||
Comments
Post a Comment