रात
ये काली घनी अँधेरी रात
उनकी यादो की बारात ,
चाहे से ना जिन्हें भूल सके
आती है याद हर एक बात ||
वो भी तो काली रात थी
जब तुम मेरे साथ थी ,
ये भी वैसी ही रात है
बस यादे हमारे साथ है ||
यादे के गहरे जख्म से
वादों का दर्द रिसता हुआ ,
पल-पल तुम्हारी चाहत सनम
तिल -२ कर
मैं मरता हुआ ||
मर कर भी ना मैं मर सका
ऐसा हमारा नाता रहा ,
तेरी तलाश
हर गली
जनाजे की ओर से करता रहा ||
जिन अँधेरे से दूर भगा फिर
वो अंधेरे ही आखिर सहारा बने ,
जितनी सर्द भयानक बाहर है
उतनी गर्माहट है कब्र तले ||
अब काली घनी अंधेरी रात
बस मेरी दुनिया मेरे ख्वाब,
मिलन और जुदाई की सारथी रही
ये ठंडी सुहानी सितारों की रात ||
वो बरसात की राते
और चाहत की बाते ,
अब रुखसत के दिन
और जुदाई की राते ||
जुदाई की रात में दिल कहे --
कि---------------
काली घनी अंधेरी रात
और उनकी यादो की बारात ||
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