सिसकी






मरने से पहले मुझे बचा लो यारों ,
एक बार मुझे प्यार से गले लगा लो यारों |
मेरी आँखों का सूनापन हर दर्द बयान कर देगा ;
कभी भरपूर नजर मेरे चेहरे पे तो डालो यारों ||


रस्सी पे लटक जाऊं , या नसें क़तर डालूँ ,

पल -पल मरता रहूँ , या खुद को फिर से सम्भालूँ |

इसी कसमकश में वो दौर आएगा -

कि उनकी जिद की खातिर , क्यों ना मैं आग लगा लूँ ?


जिंदगी से हार जाना यूँ , मेरी भी फितरत नहीं है ,

ग़मों के पीछे भागने की , मुझे फुरसत भी नहीं है |

आओ किसी रोज बैठो मेरे पहलू में -

मुझे सुकून मिल जाए कुछ पल , किसी को इतनी फुरसत ही नहीं है ||


अलविदा कह रहा हूँ हर पल तुझे ,

मेरे इशारों को समझो यारों |

मेरी मौत पे मातम से पहले ,

मुझे जीने का एक बहाना तो सिखा दो यारों ....


बस .........


मरने से पहले मुझे बचा लो यारों .............link/facebook

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